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TDS working style या टीडीएस की कार्यशैली क्या हैं?

TDS working style

जैसा कि आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति की आय में कुछ राशि की कटौती करके टीडीएस के रुप में सरकार को दिया जाता हैं। जिससे सरकार को अपने करदाता की स्थिति का अनुभव हो सके। पर क्या आप जानते हैं कि TDS कैसे कार्य करता हैं? TDS की Working style क्या हैं?

अगर आप को TDS meaning या टीडीएस की जानकारी नहीं हैं तो हम आपको पहले टीडीएस से सम्बन्धित हमारा लेख पढ़ने की सलाह देते हैं। नीचे दिए गए लेख के माध्यम से आप टीडीएस को अच्छे से समझ सकेंगे।

टीडीएस की संपूर्ण जानकारी

भारत जैसे कई देश में आय स्रोत पर कटौती होती हैं। इसके लिए देश में कई तरह के कानून लगाए जाते हैं। भारत सरकार ने टीडीएस के लिए आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत कई नियम बनाए हैं। आज हम उन्हीं में से जानने का प्रयास करेंगे कि टीडीएस कब और क्यों लगाया जाता हैं।

आज हम इस लेख के माध्यम से टीडीएस की कार्य प्रणाली या TDS working style को समझने की कोशिश करेंगे। जिसमे टीडीएस की गणना, दरें और करने योग्य काम के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। जिससे आपको टीडीएस कटौती में मदद मिलेगी।

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TDS Blog and Vlog
How to save tds or avoid TDS?

टीडीएस महत्वपूर्ण क्यों हैं?

इससे पहले कि हम आगे बढ़े और टीडीएस के कानून और नियम के बारे में जानकारी प्राप्त करें। में आपका ध्यान एक आवश्यक विषय पर केंद्रित करना चाहूंगा। हम सब जानते हैं कि हमारी आय पर टीडीएस कटौती होती हैं। परंतु कोई यह जानता है कि आखिर क्यों?

आखिर टीडीएस आयकर विभाग के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं। क्यों टीडीएस कटौती को आवश्यक रूप में शामिल किया गया हैं। इसका कारण हैं देश में करदाता और सरकार के मध्य स्थिरता बनाए रखना। इससे सरकार करदाता की आय पर आसानी से नजर रख सकती हैं।

टीडीएस की दरें

भारत सरकार द्वारा टीडीएस कटौती के लिए उसके क्षेत्र और काम के आधार पर दरें निर्धारित की गई हैं। समय के साथ इसमें आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाता हैं। आज हम भारत में प्रत्यक्ष रूप से लागू टीडीएस के अधीनियम के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

भारत सरकार में 2022 के बजट के अनुसार टीडीएस के लिए 192 से लेकर 196D तक के प्रावधान उपलब्ध हैं। जिसमे करदाता की सामान्य आय से लेकर कार्य तक सभी क्षेत्र शामिल हैं। गरीब वर्ग को इन नियम के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया हैं। आप इन दरों को यहां क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।

टीडीएस की गणना

सामान्य तौर पर TDS working style में टीडीएस की गणना वस्तु या सेवा के बिक्री राशि के आधार पर की जाती हैं। कभी कभी लोग इसकी गणना कुल राशि पर कर देते हैं। यह गलत प्रक्रिया हैं। साधारण भाषा में देखें तो किसी भी कर रहित वस्तु या सेवा का वास्तिविक मूल्य टीडीएस कटौती की गणना में उपयोग होता हैं।

मान लीजिए आपने कोई सेवा 500 की धनराशि में प्राप्त किया। और उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया हैं। जिससे उस सेवा की कीमत में 90 रुपए की बढ़ोतरी हुई। इससे कुछ लोग टीडीएस 590 पर लागू करते हैं। जबकि यह लागू 500 रुपए पर होगा।

टीडीएस = वस्तु या सेवा की बिक्री राशि * टीडीएस दर / 100

अगर टीडीएस दर 5 हो तो टीडीएस राशि होगी।

500*5/100=25

अगर आपको वर्तमान टीडीएस दरों का मालूम नही हैं तो आप सरकार द्वारा जारी TDS calculater का उपयोग कर सकते हैं। या Jain Account की शुल्क सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। जो नए TDS working style पर करता हैं।

कटौती करने वाले के क्या कार्य होते हैं?

कर कटौती खाता संख्या (TAN)

सबसे पहले उसके पास TAN होना चाहिए। अगर आपके पास TAN नही हैं तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आप कर कटौती करने के लिए पात्र हैं तो आपके पास TAN होना आवश्यक हैं।

करदाता का स्थायी खाता संख्या (PAN CARD)
आप जिस करदाता की कटौती करना चाहते हैं। उसका स्थायी खाता संख्या की जानकारी अवश्य प्राप्त करे। जिससे सरकार को उसके कर कटौती के बारे में पूरी जानकारी दी जा सके। और किसी कर के पात्र न होने पर वह वापसी के लिए दावा कर सके।

कर के दरों की जांच करे

किसी करदाता के करकटौती करने से पहले आयकर विभाग द्वारा निर्धारित कर की दरों की जांच अवश्य करें। और सही कर राशि की कटौती करें।

समय पर भुगतान

कटौतीकर्ता को अपने द्वारा लगाए गए कर की राशि का भुगतान समय पर सरकार को कर देना चाहिए। अन्यथा ऐसा न करने पर उसे विलंब शुल्क और ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ता हैं। जिससे उसे नुकसान होता हैं।

समय पर रिटर्न भरे

कटौती कर्ता द्वारा सरकार को जमा की बैंक राशि की जानकारी देने के लिए टीडीएस रिटर्न भरने की आवश्यकता होती हैं। इसे समय पर न भरने से आपको तो विलंब शुल्क का भुगतान करना पड़ता हैं। किंतु इससे करदाता को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती हैं। जिससे वह वापसी का दावा करने में सक्षम नहीं होता हैं। इसलिए अपना रिटर्न समय पर उपयुक्त जानकारी के साथ भरें।

गलत जानकारी न भरें।

कभी कभी जल्दबाजी में गलत जानकारी भी भरी जा सकती हैं। जिससे बाद में करदाता और कटौतीकर्ता को परेशानी होती हैं। इसलिए समय पर भुगतान और रिटर्न भरने के साथ उसको जांच अवश्य करें। अतः आपके द्वारा किए गए कार्य को सरकार को देने से पहले उसे दो बार अच्छे से जांच ले।

फॉर्म 16A जारी करें।

अगर कोई कटौती कर्ता किसी करदाता की कर कटौती करता हैं तो उसे करदाता को फॉर्म 16A जारी करके देना चाहिए। जिससे आपके द्वारा समय पर भुगतान या रिटर्न न भरने के कारण करदाता वापसी के लिए दावा कर सकता हैं।

सही फॉर्म का चयन करें।

रिटर्न भरते समय आपको सही फॉर्म का चयन करना होगा। आपके द्वारा भरे गए गलत फॉर्म का प्रभाव करदाता पर भी होगा। इसलिए रिटर्न भरते समय फॉर्म का ध्यान रखें। सामान्यतः यह फॉर्म दो तरह के होते हैं
24Q – वेतन पाने वाले व्यक्ति के लिए उपयोग होता हैं।
26Q – वेतन के अलावा किसी भी स्रोत से आय प्राप्त करने वाले लोगो के लिए उपयोग होता हैं।

टीडीएस ग्राहक सेवा या टीडीएस कार्यालय

टीडीएस से सम्बन्धित कोई समस्या का हल प्राप्त करने या जानकारी प्राप्त करने के लिए आप आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए ग्राहक सेवा अधिकारी से बात कर सकते हैं।

आयकर विभाग ने टीडीएस से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करने के लिए toll free number भी दिया हैं। इसके अलावा कुछ और संपर्क सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह सभी विवरण टीडीएस की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं।

Toll free number18001030344
Landline0120 4814600
Fax0120 4816105
E-mailcontactus@tdscpc.gov.in
Offical websiteTDSCPC
TDS Customer Care Service

आप सीधा अपने क्षेत्र के अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। TDS officers पर क्लिक करके आप उन अधिकारियों की सूंची देख सकते हैं। इसमें हर क्षेत्र के अधिकारी का विवरण हैं। जो आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा जारी किया गया हैं। इसमें अधिकारी का नाम, कार्यालय की सीमा और पता भी शामिल हैं।

टीडीएस आधार लिंक क्या होता हैं?

आज के समय सरकार हर कार्य को आधार के साथ जोड़ने में लगी हुई हैं। आधार भारतीय नागरिक के लिए बनाया गया एक आवश्यक पहचान पत्र हैं। जिसे राशन कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक मान्यता प्राप्त हैं।

टीडीएस आधार लिंक के माध्यम से आयकर विभाग द्वारा स्थायी खाता संख्या और आधार संख्या को आपस में जोड़ा जाता हैं। जिससे व्यक्ति पर आसानी से नजर रख सकते हैं।

टीडीएस सेवा ऐप और वेबसाइट

वर्तमान में कर कटौती की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई सेवा प्रदाता कंपनियों ने भारत में app के माध्यम से ऑनलाइन कर कटौती की सेवाओं का उपयोग किया हैं। काफी लोग इन ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से टीडीएस की सभी सेवाओं को आनंद कम मूल्य पर लें रहे हैं। इनमे से कुछ निम्न हैं

JJ TAX
All india ITR
Income Tax Return filling app

ऑनलाइन तरीके से सेवा प्रदान करने के लिए app से अधिक वेबसाइट का उपयोग किया जा रहा हैं। आज हर सेवा प्रदाता कंपनी अपने आप को वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन करने में लगी हुई हैं। इनमे से कुछ निम्न हैं

Jain Account
Vakeel ji
Cleartax

इन सभी के अलावा कई वेबसाइट और app उपलब्ध हैं जो आनलाइन टीडीएस सेवाएं प्रदान करते हैं।

टीडीएस ब्लॉग और व्लॉग

अगर आप किसी भी प्रकार की ऑनलाइन या ऑफलाइन सेवा लिए बिना स्वयं टीडीएस कार्य को करना चाहते हैं। तो आप हमारे जैन अकाउंट के ब्लॉग को देख सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य उपयोगी ब्लॉग और व्लॉग उपलब्ध हैं। जिससे आप आसानी से सिख सकते हैं।

TDS की कटौती से बचाव

कभी कभी कोई व्यक्ति करदाता श्रेणी में नहीं आता हैं किंतु कटौती कर्ता द्वारा उसके राशि में कटौती की जाती हैं। इसका कारण हैं, कटौतीकर्ता नही जानता कि आप करदाता हैं या नहीं। जैसे बैंक में FD के ब्याज पर कटौती करना।

अगर कोई व्यक्ति चाहता हैं कि उसकी कर कटौती नहीं हो तो उसे कटौतीकर्ता को यह बताना होगा कि वह करदाता की श्रेणी में नहीं आता हैं। इसके लिए वह दो तरह के प्रपत्र का उपयोग कर सकता हैं।
Form 15G
Form 15H

इसे बैंक में जमा करने के बाद बैंक आपका टीडीएस कटौती नही करता हैं।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि हमारे या सरकार के लिए टीडीएस इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं? टीडीएस की भूमिका, गणना और कार्यशैली के बारे में जानकारी प्राप्त किया। इस लेख में TDS working style से सम्बन्धित कई महत्वपूर्ण तथ्य आपने जाने।

व्यवसाय, वित्तीय, लेखांकन और कराधान संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा अनुसरण करें। अगर यह लेख पसंद आया हो तो अपने मित्रों और रिश्तेदारों से सांझा अवश्य करें।

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