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पूंजीगत लाभ क्या हैं? पूंजीगत लाभ के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।

What is capital gains in Hindi

हम सभी को मालूम है कि किसी देश के लिए कराधान प्रणाली क्या महत्त्व हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था चलाने में कर प्रणाली एक अहम भूमिका निभाती हैं।

और हर देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में कर प्रणाली लागू करता हैं। जिसमे से एक कर प्रणाली पूंजीगत लाभ कर हैं।

यह एक आर्थिक स्थिति हैं। जो किसी बिक्री की गई संपति या निविश पर लागू होती हैं। भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार विक्रेताओं को जमा संपति, शेयर, बॉन्ड या भूमि की बिक्री पर अर्जित लाभ का कर भरना होगा।

कई लोगो के मन में यह दुविधा रहती हैं कि हमारी संपति पर हम कर क्यों भरे? पूंजीगत लाभ कर क्या होता हैं और क्यों लगता हैं? आइए जानते हैं।

आज हम इस लेख में पूंजीगत लाभ को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे। जिसमे इसके प्रकार, व्याख्या, महत्त्वपूर्ण बिंदु, लाभ और हानि को शामिल करेंगे।

Keywords
What are capital assets?
What are capital gains?
What are capital losses?
What are the types of capital gains?
How are capital gains taxed?
Few questions related to capital gains tax.
Conclusion.

पूंजीगत संपति क्या होती हैं?

पूंजीगत लाभ कर को समझने से पहले यह समझना जरूरी हैं कि पूंजीगत लाभ कर लगता किस पर हैं? पूंजीगत लाभ किसी भी पूंजीगत संपति पर लगाया जाता हैं।

किसी व्यक्ति या कंपनी की पूंजीगत संपति उसके द्वारा निवेश की गई पूंजी हो सकती हैं। जिससे वह भूमि, शेयर, बॉन्ड या व्यक्तिगत उपयोग में आने वाली वस्तुओ को भी खरीद कर निवेश कर सकता हैं।

या जिस पर किसी व्यक्ति का मालिकाना हक होता हैं वह उस व्यक्ति की पुंजीगत संपति होती हैं।

विशेष : कृषि भूमि को पूंजीगत संपति में नही लिया जाता हैं।

पूंजीगत लाभ क्या होता हैं?

जब कभी किसी व्यक्ति द्वारा निवेश की गई पूंजी की बिक्री दर उसके खरीद दर से ज्यादा होती हैं। तो वह पूंजीगत लाभ होता हैं।

सरल भाषा में कहा जाए तो
किसी भी खरीदी गई संपत्ति को जब बेचा जाए तब खरीद के मूल्य से अधिक मूल्य मिलने पर लाभ की स्थिति उत्पन्न होती हैं। और बिक्री का मूल्य जितना खरीद के मूल्य से अधिक होता हैं उतना हमे पूंजीगत लाभ होता हैं।

पूंजीगत लाभ किसी भी संपति की क्रय और विक्रय मूल्य का अंतर होता हैं।

उदाहरण के लिए
आपने कोई भूमि १०००० रुपए में खरीदी। फिर एक माह पश्चात १०५०० रुपए में बेच दी। तो ५०० रुपए आपका पूंजीगत लाभ हुआ।

पूंजीगत हानि क्या होती हैं?

किसी व्यक्ति द्वारा निवेश की गई पूंजी की बिक्री दर उसके खरीद दर से कम हो तब पूंजीगत हानि होती हैं।

आसान भाषा में देखें तो
आपने कोई संपति खरीदने का बाद बेची। और उसमे आपको खरीदते समय जितना मूल्य दिया उससे कम मूल्य मिला। तो यह आपके लिए पूंजीगत हानि हैं।

उदाहरण के लिए
आपने १०० रुपए का मेज खरीदा। और एक माह बाद ९० रुपए में उस मेज को बेच दिया। उस स्थिति में आपको १० रुपए का घाटा हुआ। और आपके लिए वह १० रुपए पूंजीगत हानि हैं।

पूंजीगत लाभ कर क्या होता हैं?

किसी व्यक्ती द्वारा निवेश की गई पूंजी पर अर्जित किए गए लाभ के ऊपर लगने वाला कर पूंजीगत लाभ कर होता हैं। यह लाभ किसी भी स्थिति से उत्पन्न हो सकता हैं।

आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) कुछ निश्चित परिस्थितियों में पूंजीगत लाभ कर लगाता हैं। यह लाभ कर लाभ की मात्रा और उसकी समयावधि के आधार पर लगता हैं।

पूंजीगत लाभ कितने प्रकार के होते हैं?

पूंजीगत लाभ के दो प्रकार होते हैं।

वास्तविक पूंजीगत लाभ

इस लाभ को वास्तविकता के आधार पर माना जाता हैं। जो किसी व्यक्ति के समक्ष प्रस्तुत होता हैं। या जो लाभ प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता हो वास्तविक पूंजीगत लाभ होता हैं।

उदाहरण के लिए
जब कोई व्यक्ति अपनी पुंजिगत संपति विक्रय करता हैं। तब उसे वास्तविक रूप से धन प्राप्त होता हैं। जो उसके समक्ष होता हैं। इस धन से होने वाला लाभ उसके लिए वास्तविक पूंजीगत लाभ होता हैं।

काल्पनिक पूंजीगत लाभ

इस लाभ को कल्पना के आधार पर माना जाता हैं। जो व्यक्ति के पास तो होता हैं पर उसके समक्ष नही होता। या जो लाभ अप्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता हो काल्पनिक लाभ होता हैं।

उदाहरण के लिए
जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता हैं। और बाद में उस शेयर का मूल्य बढ़ जाता हैं। तब उसके पास अप्रत्यक्ष रुप से लाभ अर्जित होता हैं जिसे वह कभी भी प्राप्त कर सकता हैं। जो उसके लिए काल्पनिक लाभ होता हैं।

इसकी विपरीत परिस्थितियों में पूंजीगत हानि होती हैं। जो क्रमशः वास्तविक और काल्पनिक पूंजीगत हानि होती हैं।

पूंजीगत लाभ कर कैसे लगता हैं?

पूंजीगत लाभ कर किसी व्यक्ति की संपति के मूल्य और समयावधि के आधार पर तय किया जाता हैं। पूंजीगत लाभ कर मुख्यत: दो तरह से लिया जाता हैं। इसे करदाताओं की देयता को सुधारने के लिए वर्गीकृत किया गया हैं।

अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर

ऐसी संपति जिसके खरीदने और बेचने के मध्य मात्र ३६ माह का अंतर होता हैं। या किसी भी संपति को खरीदने के बाद ३ वर्ष के भीतर उसे बेचा जाए तो उससे प्राप्त आय पूंजीगत आय होती हैं।

इस प्रकार से प्राप्त आय पर २० प्रतिशत हिस्सा कर के रूप में लिया जाता हैं।

कर की गणना
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ = बिक्री पर मुआवजा – अधिग्रहण की लागत + सुधार की लागत + हस्तांतरण की लागत।

भारत में वित्तीय वर्ष २०१७-१८ से इस समयावधि को घटाकर २ वर्ष कर दिया गया हैं। घटाई गई समयावधि किसी भी प्रकार की चल संपति पर लागू नहीं होती हैं। कुछ संपति की समयावधि १ वर्ष रखी गई हैं।

दीर्घकालिक पुंजीगत लाभ कर

ऐसी संपति जिसके खरीदने और बेचने के मध्य अंतर ३६ माह से अधिक हो। या किसी भी संपति को खरीदने के ३ वर्ष के बाद उसे बेचा जाए तो उससे प्राप्त आय दीर्घकालिक पूंजीगत आय होती हैं।

इस प्रकार से प्राप्त आय पर १० प्रतिशत हिस्सा कर के रूप में लिया जाता हैं।

कर की गणना
दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ = बिक्री पर मुआवजा – अधिग्रहण की अनुक्रमित लागत + सुधार की अनुक्रमित लागत + हस्तांतरण खर्च + छूट।

पूंजीगत लाभ कर से संबंधित कुछ सवाल

क्या विरासत में मिली जमीन पर पूंजीगत लाभ कर देना होता हैं?

विरासत से मिली संपति पर पूंजीगत लाभ कर लागू नहीं होता हैं। जब तक उसे किसी तीसरे को न बेचा जाए। क्योंकि विरासत से प्राप्त संपति उपहार के रूप में मिलती हैं।

आयकर अधिनियम के किस अनुच्छेद में पूजीगत लाभ को बताया गया हैं?

अनुच्छेद ११२

आयकर अधिनियम के किस अनुच्छेद के तहत हमे कर में छूट मिलती हैं?

आयकर अधिनियम के अनुभाग 54 छूट, 54A, 54B, 54D, 54EC, 54F, 54G और 54GA के तहत विभिन्न छूट भी उपलब्ध हैं।

अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में कोनसा कर आसान होता हैं?

अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर में केवल बिक्री मूल्य और लागत का अंतर होता हैं जबकि दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में समय के साथ मुद्रास्फीति भी बढ़ती जाती हैं।

क्या कर मुक्त पूंजीगत लाभ होता हैं?

२२ जून १९८८ से एक योजना लागू किया गया था। जिसके अंतर्गत बचत बैंक खाता हों। और पूंजीगत लाभ की राशि उसमे जमा कर दी जाए। यह राशि रिटर्न भरने की अंतिम तिथि तक बैंक में जमा हो जानी चाहिए।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने प्रत्यक्ष कर के एक भाग पूंजीगत लाभ कर के बारे में जाना। हमने जाना पूंजीगत संपति क्या हैं? पूंजीगत लाभ क्या हैं? और पूंजीगत लाभ कर क्या हैं?

साथ ही हमने पूंजीगत लाभ के प्रकार कितने हैं? पूंजीगत लाभ कर कैसे लगता हैं? पूंजीगत लाभ कर की गणना कैसे होती हैं? इन सभी के साथ कुछ सवाल जवाब पर चर्चा किया।

पुंजीगत लाभ कर सबंधित कोई जानकारी या सवाल हैं तो सांझा अवश्य करें।

व्यापार, वित्तीय, लेखांकन और कराधान संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारा अनुसरण करें। और आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने मित्रों और रिश्तेदारों से सांझा अवश्य करें।

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