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Tally Prime Software में खाता कैसे बनाते हैं?

How to create a ledger in Tally prime software?

Tally series के अंतिम लेख में आपने पढ़ा कि tally prime में Company create and edit कैसे करें? आज हम सीखेंगे कि tally prime में ledger कैसे बनाते हैं? और उस ledger को edit या delete करना सीखेंगे।

अगर आप को अभी तक tally में कंपनी बनाना नही आता हैं तो हमारे इस लेख को अवश्य पढ़े। इससे आपको कंपनी बनाना सिखने में आसानी होगी।

किसी भी Accounting Software में Company create करने के बाद सबसे पहला काम ledger बनाना होता हैं। क्योंकि ledger के बिना Accounting नही हो सकती हैं।

नए लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा कि ledger kya hota hai? और ledger की importance क्या हैं? आज हम इस लेख के माध्यम से आपको Accouting ledger के बारे में बताया जायेगा। इस लेख को पढ़ने के पश्चात आप tally me ledger create karna सीख जायेंगे।

जो लोग पहले से tally ERP software का उपयोग कर रहे हैं। उन्हें यह सिखने में अधिक समस्या नहीं होगी। अगर आप नए छात्र हैं और टैली को शुरु से सिख रहे हैं। तो इस लेख को पढ़ने के बाद आप सरलता से ledger बना सकेंगे।

Keywords
What is ledger in Tally?
What is ledger group in tally?
How many types of Ledger?
How to create Single ledger in Tally prime?
How to create multiple ledger in tally prime?

Tally में Ledger क्या होता हैं?

Tally में ledger लेखांकन की पहली सीढ़ी हैं। Ledger किसी भी कम्पनी के लेखांकन गतिविधि का आधार होता हैं। जिसकी मदद से लेखांकन में voucher entry किया जाता हैं। अर्थात किसी भी सौदे को उसके स्वभाव अनुसार किसी शीर्षक के अंतर्गत वर्गीकरण करके एक स्थान पर क्रमानुसार लिखा जाता हैं।

Tally में Ledger Group क्या हैं?

अगर आपने पहले tally में ledger create किया हो तो आपने legder बनाते समय ledger group जरूर देखा होगा और उचित ledger group का चयन भी किया होगा। पर क्या आप जानते हैं कि tally में ledger group क्यों बनाया गया हैं।

Tally ledger group शुरुआत से ही tally software में बने होते हैं। जो ledger chart में उपयोग होते हैं। Tally software स्वचालित रूप से 28 ledger create करता हैं। जिनमे से 15 प्राथमिक समूह और 13 उप-समूह होते हैं।

इस समूह को बनाने का एक मात्र कारण यह था कि किसी भी व्यवसाय की सभी गतिविधियों को एक स्थान पर एकत्रित किया जा सके। और सभी प्रविष्ठियों को एक ही समूह का भाग समझा जा सके। यह Tally Group List निम्न हैं।

प्राथमिक समूह

  • Branch/division – यदि किसी व्यवसाय में अलग शाखाएं हों तो उस स्थिति में इसका उपयोग किया जाता हैं। यदि किसी शाखा का लेखा उसके मुख्य कार्यालय में होता हैं तो इसकी आवश्यकता नहीं होती।
  • Capital Account – व्यवसाय के मालिक की ओर से जमा-खर्च होने वाली पूंजी को इस खाता बही में लिया जाता हैं। यह खाता बही कई तरह का होता हैं जैसे – जीवन बीमा, शेयर पूंजी, मालिक खाता या भागीदार खाता।
  • Current Assets – वह संपत्ति, जिसे उसी वित्तीय वर्ष में नकद किया जा सके। अर्थात इन परिसंपतियो का उपयोग एक वर्ष के भीतर करना आवश्यक होता हैं। पहले से ही तरल रूप में उपलब्ध होने के कारण यह आसानी से नकद में परिवर्तित हो जाता हैं। जैसे – नकद, नकद समकक्ष, बैंक में नकदी, माल़ और अग्रिम भुगतान इत्यादि।
  • Current Liabilities – यह व्यवसाय की कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अल्पावधि में लिया जाने वाला ऋण होता हैं। जिसे उसी वित्तीय वर्ष में भुगतान किया जाना निश्चित होता हैं। इनको अंशधारक भी कहा जाता हैं। जैसे शुल्क देय, व्यापार भुगतान, बिल भुगतान और बकाया खर्च।
  • Direct Expenses – जिन व्यय का असर सीधा माल पर होता हैं। उन सभी व्ययों को Direct Expenses में लिया जाता हैं। जैसे गाड़ी भाड़ा और चुंगी।
  • Direct Income – माल की खरीद बिक्री के अंतराल में प्राप्त होने वाली आय ही प्रत्यक्ष आय होती हैं। जैसे खरीद पर छूट और माल पहुंचाने का शुल्क आय।
  • Fixed Assets – ऐसी संपति जो व्यापार में दीर्घकालिक समय के लिए उपयोग किया जाता हैं। और इसे कभी भी नकद में परिवर्तित किया जा सकता हैं। अचल संपत्ति व्यापार को दीर्घकालिक वित्तीय लाभ प्रदान करती हैं। जैसे भूमि, वाहन और मशीनें।
  • Indirect Expenses – जिन व्यय का सीधा माल पर असर नहीं होता हैं। किंतु व्यापार पर इसका प्रभाव पड़ता हैं। जैसे बिजली का बिल, दुकान का किराया और वेतन।
  • Indirect Income – गैर व्यावसायिक गतिविधियों से प्राप्त आय को अप्रत्यक्ष आय कहते हैं। यह माल या उसकी खरीद बिक्री को प्रभावित नहीं करता हैं। यह किसी अचल संपत्ति की बिक्री से हो सकती हैं या किसी प्रकार की पुरानी वस्तुओं की बिक्री से हो सकती हैं।
  • Investments – भविष्य में आय प्राप्ति के लिए किसी वस्तु या व्यापारिक गतिविधियों पर लगाया गया धन निवेश कहलाता हैं। व्यापारिक क्षेत्र में इसका उपयोग अत्यधिक होता हैं। जैसे किसी व्यापार में अपना धन लगाना या कोई वस्तु खरीद के रखना।
  • Loans and Liabilities – व्यापार को बढ़ाने के लिए अल्पावधि के लिए वित्तीय संस्थान या बैंक द्वारा लिया गया ऋण इस समूह के अंतर्गत आता हैं। या किसी व्यक्ति या संगठन से लिया जा सकता हैं।
  • Misc Expenses – इसके अंतर्गत छोटे व्यय आते हैं। जिनका हिसाब नहीं रखा गया हो। जैसे विज्ञापन और कानूनी शुल्क।
  • Purchase Account – किसी भी तरह की खरीद को इस समूह के अंतर्गत लिया जाता हैं।
  • Sales Account – किसी भी तरह की बिक्री को इस समूह के अंतर्गत लिया जाता हैं।
  • Suspense Account – यदि किसी भी तरह के खाते या प्रविष्ठि या समूह के बारे में उचित जानकारी नहीं होने पर उसे suspense में लिया जाता हैं। जिसे जानकारी प्राप्त होने पर उसके वास्तविक स्थान पर रख दिया जाता हैं।

उप-समूह

  • Bank Account – सभी प्रकार के व्यासायिक bank account को इस समूह में रखा जाता हैं।
  • Bank OD Account – bank overdraft या bank CC account को इस समूह में रखा जाता हैं। जहा बैंक के पैसों का उपयोग किया जाता हैं। और ब्याज के साथ भर दिया जाता हैं।
  • Cash in Hand – नकद संबंधित सभी गतिविधियों को इस समूह में शामिल किया गया हैं।
  • Deposits – सुरक्षा के लिए जमा किया गया धन इस समूह में आता हैं। जैसे Bank FD या Security Amount.
  • Duties and Taxes – सभी प्रकार के व्यापारिक करों को इस समूह में रखा जाता हैं। जैसे TDS और GST.
  • Loans and Advances (Assets) – किसी व्यक्ति या संस्था को उधार दिया गया धन इस समूह में आता हैं।
  • Provisions – भविष्य में होने वाले खर्चों या हानि को कम करने के लिए वर्तमान लाभ से कुछ धन को अलग सुरक्षित रखा जाता हैं। वह प्रावधान होता हैं। जैसे संदिग्ध ऋण और मूल्यह्रास।
  • Reserves and Surplus – यह व्यापारिक गतिविधियों में कंपनी द्वारा विशिष्ट उद्देश्य के व्यय के लिए निर्धारित जमा राशि होती हैं। इसका उपयोग भविष्य में होने वाले नुकसान या अन्य वित्तीय समस्या के समाधान के लिए किया जाता हैं।
  • Secured Loans – व्यापार की बढ़ाने के लिए सुरक्षित तरह से लिया गया ऋण secured loans में आता हैं। इसमें ऋणदाता दिए गए धन के बदले कोई वस्तु Security के तौर पर अपने पास रखता हैं। जैसे Bank Loan.
  • Sundry Creditors – जिनसे हम माल खरीदते हैं वह सभी खाते इस समूह में आते हैं।
  • Sundry Debtors – जिन्हे हम माल बेचते हैं वह सभी खाते इस समूह में आते हैं।
  • Unsecured Loans – इसमें ऋणदाता दिए गए धन के बदले में कोई वस्तु security के तौर पर नहीं रखते हैं।

Tally में Ledger कितने प्रकार के होते हैं?

Tally prime software में ledger दो प्रकार से बनाए जाते हैं।

  1. Single Ledger
  2. Multiple Ledger

Tally prime में single ledger कैसे Create करते हैं।

जब आप Tally में कंपनी बना देते हैं और फिर कंपनी खोलते हैं। तब आपके सामने Gateway of Tally page खुलता हैं। जहा से आपका कार्य शुरू होता है।

Tally prime me ledger creation के लिए निम्न step को follow करें।

  • सबसे पहले gateway of Tally में Master में जाए।
  • वहा आपको create option मिलेगा। उस पर click करें।
  • इसके बाद Accounting Master खुल जायेगा। फिर ledger को select करें।
  • इसके बाद Ledger Creation Window आएगा। उसमे आवश्यकतानुसार जानकारी भरें। और ledger create करें।

Ledger Creation Window में क्या भरते हैं?

  • Name: आपको जिस किसी नाम से खाता बनाना हो उसका नाम भरें।
  • Alias: साधारण भाषा में इसे nickname भी कहा जाता हैं। इसमें कंपनी का Short NAME लिखा जाता हैं। या आप अपनी सुविधानुसार कंपनी का कोई भी नाम रख सकते हैं।
  • Under: खाते के अनुसार tally ledger group select करें।
  • Maintain Balances bill-by-bill: यदि आप किसी खाते का विवरण bill के अनुसार रखना चाहते हैं तो इस विकल्प को yes करें। इससे किसी भी अन्य कंपनी/लेनदार/देनदार का खाता bill to bill maintain होता हैं।
  • Inventory values are affected: अगर आप खाते
  • Mailing Address: इसमें आप अपने व्यापार का पूरा पता लिखें।
  • Country: जिस देश में आपकी कंपनी हो।
  • State: जिस राज्य में आपकी कंपनी हो।
  • Pin Code: जिस क्षेत्र में आपकी कंपनी हो।
  • Provide Bank Details: अगर आप किसी खाते के Bank Details: रखना चाहते हैं तो इसमें भरें।
  • Pan Card: खाते का PAN CARD Details भरें।
  • Registration Type: इसमें आप खाते के अनुसार किसी एक विकल्प का चयन करें। Registration Type को अच्छे से समझने के लिए आप हमारे जीएसटी संबंधित लेखों का अध्ययन कर सकते हैं।
  • GST Number: अगर GST Number Available हों। तो GST Number भरें।

Note: इसमें नाम, समूह भरना आवश्यक होता हैं। बाकी आप अपनी जरूरत के अनुसार भर सकते हैं।

Tally prime software में Multiple Ledger create कैसे करते हैं?

Tally prime multiple Ledger बनाने के लिए निम्न steps को follow करें।

  • सबसे पहले gateway of Tally पर जाए।
  • अब charts if Accounts पर click करें।
  • इसके बाद account Master में ledger को select करें।
  • अब आप Alt+H को एक साथ दबाए।
  • अब आप multi Create पर Click करें।
  • इसके बाद आप Multi Ledger Creation Window में पहुंच जाते हैं।
  • इसमें आपको पहला विकल्प tally Ledger group का मिलता हैं।
  • अगर सभी ledger एक ही समूह में बनाने हो तो आप उस tally ledger group को select कर सकते हैं अन्यथा आप all items select करें।
  • इसके बाद ledger name भरें।
  • फिर tally ledger group भरें। (यदि आपने शुरुआत में tally ledger group select किया है तो यह स्वतः ही आ जायेगा।
  • इसके बाद opening balance आता हैं यदि किसी ledger का पुराना बकाया हैं तो यहां लिख सकते हैं। अगर आप चाहे तो इस विकल्प को हटा सकते हैं। इसके लिए F12 दबाकर Skip the opening balance को Yes कर सकते हैं।
  • इसके अलावा आप और विवरण देना चाहते हैं तो Ctrl+I को एक साथ दबाए। जिससे आपको वह सभी विकल्प दिखेंगे हो Single ledger creation में आते हैं।

Tally Prime में ledger edit कैसे करें?

Tally ledger alterations के लिए निम्न steps को follow करें।

  • सबसे पहले gateway of Tally में जाए।
  • फिर alter पर click करें।
  • इसके बाद Ledger select करें।
  • फिर उस ledger को select करें जिसे आप edit करना चाहते हैं।
  • इसके बाद Ledger alteration window खुल जायेगा।
  • अब आप अपनी सुविधानुसार किसी भी जानकारी को परिवर्तित कर सकते हैं।

Tally prime software में Ledger Delete कैसे करते करते हैं?

जब आपका ledger alterations windows खुल जाता हैं तब आप Alt+D लगाकर ledger delete कर सकते हैं।

Frequently Asked Questions

Single Ledger Vs Multiple Ledger

Single और Multiple Ledger में कोई अंतर नहीं होता हैं। यह tally में ledger बनाने का एक तरीका हैं।

किसी भी Master के अंदर Ledger बनाने की Shortcut key क्या होती हैं?

Alt+C (जिस स्थान पर नए खाताबही की आवश्कता हो)

Ledger क्यों बनाया जाता हैं?

Ledger का उपयोग कंपनी की balance sheet और income statement transection के लिए प्रविष्ठियों को संग्रहित कर उनकी प्रकृति और वस्तुओं के अनुसार वर्गीकृत करने के लिए किया जाता हैं।

खाता और खाता बही में क्या अंतर हैं?

जहा व्यापार के लेन देन को दर्ज किया जाता हैं वह खाता होता हैं। जबकि इन लेन देन का रख रखाव जिस स्थान पर होता हैं वह खाता बही होता हैं।

Tally में कोनसा खाता बही स्वतः बना हुआ होता हैं?

Tally में दो खाता बही स्वतः बने होते हैं।

  1. Cash in Hand
  2. Profit and Loss

निष्कर्ष

इस लेख में आपने सीखा कि tally में ledger कैसे बनाते हैं। इसके अलावा हमने single Ledger vs multiple Ledger के बारे में जानकारी प्राप्त की। और साथ ही ledger को edit और delete करना सीखा।

इस लेख के बाद आपको ledger बनाने में कोई समस्या नहीं होगी। आपकी राय या समस्या टिप्पणी के द्वारा हमारे साथ सांझा अवश्य करें।

उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। व्यापार, वित्तीय, लेखांकन और कराधान संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा अनुसरण करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने मित्रों और रिश्तेदारों से सांझा अवश्य करें।

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