अच्छा एक बात बताइए क्या आप मुंबई में रहते हैं या फिर कभी मुंबई घूमने गए हैं? अगर आप मुंबई में रहते हैं तो शायद Bombay Stock Exchange के बारे में सुना होगा।
मुंबई को वैसे तो film city कहा ही जाता है और वहां पर बहुत सारे tourist places भी है। लेकिन आपको बता देते है कि वहां पर ऐसे दो Interesting places भी है जो काफी प्रसिद्ध है और उनके नाम है national stock exchange और Bombay Stock Exchange।
दोस्तों, आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको Bombay Stock Exchange के बारे में पूरी जानकारी दूंगी। BSE असल में क्या है? Bombay Stock Exchange कैसे काम करता है? Share market में BSE किस तरीके से काम करता है।
यह पूरे एशिया की सबसे पुरानी stock exchange में से एक है। असल में भारतीय पूंजी में Bombay Stock Exchange एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। Bombay Stock Exchange एक बहुत बड़ा शेयर बाजार है। यहां पूरे विश्व के जितने भी बड़े बाजार है उनका आर्थिक record maintain किया जाता है।
हमें यह पता होना बहुत जरूरी है कि जिन कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचते हैं सभी कंपनियां कहां पर रजिस्टर्ड होती हैं और हमारे भारत देश की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत Bombay Stock Exchange का क्या सहयोग है। इन सभी बातों को आज इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे।
Keywords
What is full form of BSE?
What is Bombay Stock Exchange?
What is history of bombay stock exchange?
How BSE work?
What are Advantages and disadvantages of Bombay Stock Exchange?
What is the Difference between SEBI and Stock Exchange?
Who is the first Indian stock exchange?
what is the full form of BSE?
BSE का फुल फॉर्म “Bombay Stock Exchange” होता है। इससे पहले इसका नाम Native Share and Stock Broker Association रखा गया था।
Bombay Stock Exchange क्या है?
BSE (The Financial Heart of Mumbai) न केवल भारत का बल्कि यह एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना Stock Exchange है। अगर पूरी दुनिया की बात की जाए तो Bombay Stock Exchange दुनिया का 10वां सबसे बड़ा Stock Exchange माना जाता है।
2018 के आंकड़ों की बात की जाए Bombay stock exchange का market capitalization 2.2 trillion dollars से भी ज्यादा था। बहुत पुराने समय से काम करते-करते Bombay stock exchange का अनुभव इतना अच्छा हो गया हैं कि अब इसे 420 बड़े बाजारों में गिना जाने लगा।
यहां तक की इसका एक बहुत बड़ा सहयोग है जिसने भारत को अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार और वित्तीय बाजार में एक बहुत ऊंचा स्थान दिलाया है। इसका सबसे बड़ा मकसद है कि इसे भारत को विश्व भर के शेयर बाजारों में एक सबसे खास बाजार की तरह उभारना है। इसलिए इसको The Powerhouse of Indian Stocks भी कहा जा सकता हैं।
Bombay Stock Exchange का इतिहास क्या हैं?
इसको सन 1875 में स्थापित किया गया था। कहां जाता है कि इसकी शुरुआत मुंबई में एक बरगद के पेड़ के नीचे ही हुई थी। वही बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठे होकर लोग शेयर को खरीदा और बेचा करते थे। धीरे-धीरे उनकी देखा देखी सभी लोग वहां पर आकर यही काम को करने लगे फिर उन्हें वह जगह कम पड़ने लगी।
उसके बाद इसके लिए जिस जगह को ढूंढा गया उसे “दलाल स्ट्रीट” के नाम से जाना गया। उसी जगह पर श्री प्रेमचंद रायचंद जी ने 300 लोगों के साथ मिलकर Bombay Stock Exchange established किया।
पहले तो इसका नाम The native stock Broker association रखा गया लेकिन फिर बदल कर Bombay Stock Exchange कर दिया गया था। आज के समय में इसके अध्यक्ष श्री विक्रमजीत सेन और CEO Sundararaman Ramamurthy है।
Bombay stock exchange कैसे काम करता है?
India’s Premier Stock Market BSE भारत ही नहीं बल्कि विश्व के खास stock exchange में से एक माना जाता है। यहां पर stock, bond और derivative को खरीदा और बेचा जाता है। अब हम बताते हैं कि bombay stock exchange काम कैसे करता है
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के जरिए: आज के इस दौर में Bombay stock exchange को electronic trading system के जरिए चलाया जाता है। यहां पर व्यापारी और निवेशक अपने broker या Online trading platform के जरिए electronics तरीके से shares को खरीद और बेचने का आदेश देते हैं। इन ऑर्डर की कीमत और इनका समय को देखते हुए इन्हें आगे के लिए process किया जाता है।
- listed companies: यह कंपनी को अपने exchange पर शेयर को listed करने के लिए अनुमति देती है। इस प्रक्रिया में कंपनी को पर publicly होना रहता है।अर्थात वह निवेशकों को अपने शेयर का कुछ हिस्सा खरीदने के लिए देती है।
- Stock brokers: यह वह registered brokers होते हैं। जो कि निवेशक और उपभोक्ता की तरफ से व्यापार करने की सुविधा देते हैं। वह उन लोगों का मार्गदर्शक करते हैं जो लोग निवेशक होते है और stock trading करना चाहते हैं।
- Investors: यह वह लोग होते हैं जो अपने share और bonds को यहां पर खरीदते और बेचते हैं।
- equity market: यहां पर Bombay stock exchange का Sensex आता है जो इसकी सबसे बड़ी और शुरू की 30 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है और उसको benchmark में listed करता है। जिससे equity trading में आसानी हो।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के क्या फायदे हैं?
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के फायदे निम्नलिखित हैं:
- वित्तीय स्थिरता: BSE ने दशकों से अपनी वित्तीय स्थिरता और विश्वासयोग्यता का प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशकों को विश्वास मिलता है।
- बड़ा वित्तीय बाजार: BSE भारत का सबसे बड़ा और पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिससे विशाल वित्तीय संस्थाएँ और निवेशक जुड़े हुए हैं।
- विभागीय निवेश: BSE विभिन्न उपक्रमों और क्षेत्रों में निवेश के अवसर प्रदान करता है, जिससे निवेशकों को विभिन्न विकल्प मिलते हैं।
- रूचि दर पर पैसा कमाएं: BSE के माध्यम से निवेशक शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं और अपनी धनराशि को बढ़ा सकते हैं।
- सरलता में निवेश: BSE पर निवेश करना सरल होता है, और विभिन्न वित्तीय उपक्रमों के लिए विभिन्न निवेश विकल्प उपलब्ध हैं।
- सूचना और विश्लेषण: BSE निवेशकों को वित्तीय बाजार की ताज़ा सूचना और विश्लेषण प्रदान करता है, जिससे निवेशक सूचित निवेश कर सकते हैं।
- बढ़ते भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा: BSE भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और निवेश के माध्यम से विकास को समर्थन प्रदान करता है।
इन फायदों के साथ, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज भारतीय वित्तीय बाजार का महत्वपूर्ण हिस्सा है और निवेशकों के लिए विभिन्न वित्तीय अवसर प्रदान करता है।
BSE के Disadvantages क्या हो सकते हैं?
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के नकारात्मक पहलू निम्नलिखित हो सकते हैं:
- अस्थिरता: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मार्केट में अत्यधिक परिस्थितिक और मूवमेंट हो सकता है, जिससे निवेशकों को अधिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- उच्च निवेश जोखिम: स्टॉक मार्केट में निवेश करना उच्च जोखिम वाला हो सकता है, और अच्छा निवेश न करने पर नुकसान हो सकता है।
- ग्राहक सेवा की समस्याएँ: कुछ बार, निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज की ग्राहक सेवा के साथ समस्याएँ हो सकती हैं, जो समस्याएँ हल करने में समय लगा सकती हैं।
- मार्केट में बदलते नियम: स्टॉक मार्केट के नियम और विधियों में परिवर्तन होते रहते हैं, जो निवेशकों को प्रभावित कर सकते हैं।
- तरलता की दिक्कतें: कुछ समय पर मार्केट में लिक्विडिटी की कमी हो सकती है, जिससे बेचने या खरीदने में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- वित्तीय मंदी: वित्तीय मंदी के समय, स्टॉक मार्केट में नुकसान हो सकता है और निवेशकों के पैसे कम हो सकते हैं।
ये नकारात्मक पहलू हैं, जिन्हें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के समय ध्यान में रखना चाहिए।
SEBI और BSE में क्या अंतर हैं?
SEBI वित्तीय निवेशकों और कंपनियों के हितों की सुरक्षा करने वाली एक सरकारी नियामक संस्था हैं। जो stock exchange की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है।
भारत सरकार द्वारा 12 अप्रैल, 1992 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 स्थापित किया गया। जो भारत में प्रतिभूति बाजार को बढ़ावा देने के साथ बाजार में व्यापार करने वाले निवेशकों और संस्थानो के हितों की सुरक्षा करें। किंतु
BSE एक Clearing House हैं। यह निवेशकों और संस्थानों को जोड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता हैं। और इनको प्रतिभूतियाँ खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह केवल लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से चलते हैं। यह SEBI के दायरे में ही आता हैं।
“Bombay Stock Exchange” को कंप्यूटर पर कब से इस्तेमाल किया जाने लगा?
कहा जाता है कि 1992 में जब NSE बना था। तब जब कोई शेयर खरीदता था उसके जो भी दस्तावेज होते थे उनको पहुंचने में 6 महीने लगा करते थे क्योंकि वह शेयर के दस्तावेज डाक के जरिए भेजते थे।
उसके बाद 1992 में भारत सरकार ने SEBI बनाया। लेकिन Bombay Stock Exchange के जो निवेशक थे उनको इसका तरीका समझ नहीं आया और ना ही उन्होंने इसे पसंद किया।
SEBI को लाने का मकसद Bombay Stock Exchange की कार्यप्रणाली में सुधार लाना और Investment Opportunities को बढ़ावा देना था।लेकिन इसे रद्द कर दिया गया। उसके बाद फिर दूसरे Stock Exchange NSE को लाया गया। इसके बाद BSE स्वतः ही संगणक प्रणाली को अपनाने लगा।
NSE क्या है?
NSE के बारे में थोड़ा सा जान लेते है। मुंबई में स्थित national stock exchange ये भारत के सबसे बड़े stock exchange में से एक है। भारत में स्थापित होने वाला first modern technology systems था। जिसे Fully Automated Screen, best electronic trading system दिया गया।
इसने shares का बेचना और खरीदना बेहद आसान बना दिया। इसमें लगभग 2000 public company listed है। NSE का सूचकांक Nifty है l। NSE के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पढ़ें।
Index क्या है?
stock exchange में हजारों companies listed है। ऐसे में हर एक stock की market value को track करना तो possible नहीं हो सकता। इसलिए इस stock exchange के ऐसे छोटे samples ले लिए जाते हैं जो पूरे market indices को दर्शाते हो।
इसी small sample को index कहा जाता है जो stock exchange के एक section की value को major करने में मदद करता है। और जो company से Sample में शामिल होती हैं उन्हें Index constitution कहा जाता है।
इस index में stock prices किसी खास industry से नहीं लिए जाते बल्कि उन्हें सभी major sector में से ढूंढा जाता है। और जब sample के जरिये performance evaluate होती है तो किसी एक industry की नहीं बल्कि stock exchange की सारी performance का पता चल जाता है।
ये बाजार का प्रतिनिधित्व करते हैं और ये देश के stock market trend industry development and individual investors के portfolio के लिए benchmark है। Index के जरिये stock के बारे में एक अनुमान मिल जाता है। और इसके जरिए shares की market performance को जाचा जा सकता है।
Sensex किसको कहते है?
Sensex bombay stock exchange का index benchmark है। इसे 1986 में शुरू किया गया था। आपके बता देते हैं कि आज के समय में इसको पूरे विश्व के खास सूचकांक में गिना जाता है।
Sensex की full form “Stock Exchange Sensitive Index” हैं। विश्व की कंपनियां खुद को brokers की मदद से bombay stock exchange में पंजीकृत करवाती है। आज तक इसमें 5000 से ज्यादा कंपनियां listed की गई है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने bombay Stock exchange के बारे मैं मूल जानकारी दी हैं। इससे आपको शेयर बाजार के व्यापार में आसानी होगी और आप समझ पायेंगे कि BSE भारतीय शेयर बाजार के लिए क्या भूमिका निभाता हैं।
अगर आपको इस लेख से संबंधित कोई भी राय या प्रश्न हो तो हमारे साथ टिप्पणी के माध्यम से सांझा अवश्य करें। आपकी प्रतिक्रिया हमे आपके लिए और अधिक महत्वपूर्ण लेख लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।
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